सेंसेक्स 826 अंक गिरकर 65,000 से नीचे बंद, चार सत्रों में 1,856 टूटा

पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ने से घरेलू शेयर बाजारों में हुई चौतरफा बिकवाली

पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से वैश्विक बाजारों में पैदा कमजोर रुझानों के बीच घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट रही। चौतरफा बिकवाली से सेंसेक्स एवं निफ्टी करीब 1.3 फीसदी तक लुढ़क गए। कच्चे तेल का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल से अधिक होने से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।

गोरी 925, 9 अंक या 1.26 सेंसेक्स 825.74 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ 64,571.88 पर बंद हुआ। दिन में एक समय यह 894.94 अंक तक टूटकर 64,502.68 पर खिसक गया था। निफ्टी 260.90 • अंक या 1.34 फीसदी गिरकर 19,281.75 पर बंद हुआ। वहीं, पिछले चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,856.21 अंक और निफ्टी 529.75 अंक नीचे आ चुका है।

सेंसेक्स की 30 में 28 कंपनियों के शेयर गिरावट में बंद हुए। जेएसडब्ल्यू स्टील सर्वाधिक 2.99 फीसदी नुकसान में रहा। सिर्फ दो कंपनियों बजाज फाइनेंस और महिंद्रा एंड महिंद्रा बढ़त में बंद हुए बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की संयुक्त पूंजी सोमवार को 7.59 लाख करोड़ रुपये घटकर 311.30 लाख करोड़ रुपये रह गई।

■ पिछले चार सत्रों में निवेशकों को 12.51 लाख करोड़ की चपत लगी। 17 अक्तूबर, 2023 को बाजार बंद होने पर सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी 323.82 लाख करोड़ रुपये थी।





वैश्विक बाजारों में गिरावट का भी असर

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, निजी बैंकों के अच्छे तिमाही नतीजों के बावजूद निवेशकों की धारणा कमजोर रही। पश्चिम एशिया में अशांति और बढ़ने के अलावा अमेरिका में 10 वर्षीय बॉन्ड के रिटर्न में वृद्धि से वैश्विक बाजारों में गिरावट रही। इसका असर घरेलू बाजार पर भी दिखा।

सोने और चांदी की कीमतों में 250 रुपये की गिरावट

दिल्ली सराफा बाजार में सोना सोमवार को 250 रुपये सस्ता होकर 61,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। चांदी भी 250 रुपये सस्ती होकर 75,000 रुपये प्रति

किलोग्राम के भाव पर बंद हुई।

। लंबे समय तक ब्याज दरें ऊंची रहने की आशंका के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना कमजोरी के साथ 1,977 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।

रुपये में 4 पैसे की कमजोरी

डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 4 पैसे कमजोर होकर 83.16 पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट और अमेरिकी बॉन्ड पर रिटर्न बढ़कर 5 फीसदी के स्तर पर पहुंचने से रुपये में गिरावट आई। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी व डॉलर में स्थिरता से रुपये की गिरावट पर अंकुश लगा।